24 नव॰ 2015

भारत आगे बढ़ रहा है

जहाँ हर कोई बिन बात के आपस में लड़ रहा है
नफरत है शहर शहर किसान भी सूली चढ़ रहा है
*फिर कैसे कह दूँ भारत आगे बढ़ रहा है


जहाँ एक तरफ भूख से बेहाल तरसते गरीब देखो
एक तरफ अनाज सरकारी गोदामों में सड़ रहा है
*फिर कैसे कह दूँ भारत आगे बढ़ रहा है


भूल गए इंसानियत धर्म मजहब पर हाहाकार देखो
कोई सुरक्षित नहीं भार महंगाई का जो पड़ रहा है
*फिर कैसे कह दूँ भारत आगे बढ़ रहा

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