11 फ़र॰ 2018

बचपन फिर ना लौटेगा

वो बचपन की किलकारियां
ना कोई दुश्मन ना यारियां
सर पे ना कोई ज़िम्मेदारियाँ
वो मासूम सी होशियारियाँ,

वो बचपन फिर ना लौटेगा !

वो धूप में नंगे पाँव दौड़ना
कभी कीचड़ में लौटना
ना हारना ना कभी थकना
कभी बे वजह मुस्कुराना,

वो बचपन फिर ना लौटेगा !

गली गली बेवजह दौड़ना
खिलोने पटक कर तोड़ना
टूटे खिलोने फिर से जोड़ना
छोटी छोटी बात पर रूठना,

वो बचपन फिर ना लौटेगा !

कभी मिटटी के घर बनाना
घरों को फिर मिटटी से सजाना
कभी दिन भर माँ को सताना
फिर माँ की छाती से लिपट सो जाना,

वो बचपन फिर ना लौटेगा
हाँ !!  वो बचपन फिर ना लौटेगा

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